24 अक्तूबर : उद्धार के गीत

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24 अक्तूबर : उद्धार के गीत
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“तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा।” भजन 32:7

यदि आप रॉबिन हुड या राजा आर्थर की पुरानी ब्लैक एण्ड व्हाईट फ़िल्में देखें, तो आपको रानियाँ युद्ध के मैदानों में घोड़ों पर सवार दिखाई देंगी। वे अकेली यात्रा नहीं करतीं, बल्कि उनके चारों ओर घुड़सवार सैनिक होते हैं जो उनकी सुरक्षा करते हैं।

कठिन दिनों में, हम अपने आप को यह स्मरण दिला सकते हैं कि परमेश्वर “अपने दूतों को तेरे [हमारे] निमित्त आज्ञा देगा, कि जहाँ कहीं तू जाए [हम जाएँ], वे तेरी [हमारी] रक्षा करें” (भजन 91:11)। इसके अतिरिक्त, उसने हमें उन विश्वासियों की संगति में रखा है जो मसीह के ध्वज का अनुसरण कर रहे हैं—अर्थात हमारी कलीसिया। मसीही जीवन एक व्यक्तिगत यात्रा नहीं, बल्कि एक सामूहिक यात्रा है। हमें इस अद्‌भुत अवसर का लाभ उठाना चाहिए कि हम मसीह के उद्देश्य के लिए एक साथ खड़े हो सकते हैं। हमें उन लोगों से घिरा रहना चाहिए जो “छुटकारे के गीतों” को गाते हैं। जब हम सामूहिक रूप से आराधना करते हैं, तो हम उस उद्धार के आशीर्वादों का अनुभव करते हैं जो परमेश्वर हमें प्रदान करता है।

जब हम जीवन की परेशानियों से घिरे होते हैं या अपनी कमजोरियों, असफलताओं, निराशाओं और सन्देहों से अवगत होते हैं, तो समाधान यह नहीं है कि हम अपने ही बल पर खड़े होने की कोशिश करें। बल्कि हमें यह देखना चाहिए कि यीशु ने हमारे लिए क्या किया है और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे भाई-बहन हमें यह याद दिला रहे हैं कि मसीह ने हमारे लिए क्या किया है। परमेश्वर के वचन के साथ एक साधारण भजन-संग्रह की सहायता से हम एक-दूसरे को अंधकारमय दिनों में प्रोत्साहित कर सकते हैं और अपने मनों को पवित्रशास्त्र और गीतों के माध्यम से सत्यों से भर सकते हैं।

एलेक मोट्यर ने एक बार लिखा, “जब कोई सत्य किसी विश्वास-संहिता या भजन-संग्रह में समाहित हो जाता है, तो वह पूरी कलीसिया की आत्म-विश्वासपूर्ण सम्पत्ति बन जाता है।”[1] जब हम उन गीतों को गाते हैं जो गहरी आत्मिक सच्चाइयों से भरे होते हैं, तो हम प्रतिदिन अपने आप से कह सकते हैं, “मसीह ही मेरे लिए पर्याप्त है।” फिर परमेश्वर के लोगों के साथ मिलकर हम सामूहिक आराधना कर सकते हैं और अपने प्रभु से अनुग्रह और शान्ति माँग सकते हैं। एक जीवित कलीसिया हमेशा गाने वाली कलीसिया होगी।

आपको केवल एकान्त में आराधना करने के लिए नहीं बुलाया गया है। सामूहिक आराधना का एक उद्देश्य यही है: उद्धार के गीतों से घिरे रहना। आपके सृजनहार ने आपको इस रीति से बनाया है कि आप उन लोगों के साथ खड़े हों जो इन स्मरणीय शब्दों के द्वारा इस सच्चाई की आपके लिए पुष्टि करें और आप उनके लिए इसकी पुष्टि करें:

गाओ, मेरे उद्धारकर्ता के विषय में गाओ!

उसने अपने लहू से मुझे मोल लिया;

क्रूस पर उसने मेरी क्षमा को सुनिश्चित किया,

ऋण चुका दिया और मुझे स्वतन्त्र कर दिया।[2]

भजन 147

◊ पूरे वर्ष में सम्पूर्ण बाइबल पढ़ने के लिए: 1 शमूएल 30–31; 1 तीमुथियुस 4


[1] लुक टू द रॉक: ऐन ओल्ड टेस्टामेण्ट बैकग्राऊण्ड टू आवर अण्डरस्टैण्डिग ऑफ क्राईस्ट (क्रेगेल, 2004), पृ. 222 टिप्पणी 48.

[2] पि. पि. ब्लिस, “आई विल सिंग ऑफ माई रिडीमर” (1876).

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