“मैं तो तेरी दासी रूत हूँ; तू अपनी दासी को अपनी चद्दर ओढ़ा दे, क्योंकि तू हमारी भूमि छुड़ाने वाला कुटुम्बी है।” रूत 3:9
यह एक सत्य सब कुछ बदल देता है: आपके पास एक निस्तारक-कुटुम्बी है।
रूत के दूसरे अध्याय का अन्त नाओमी के इस रहस्योद्घाटन के साथ होता है कि बोअज़ एक दूर का रिश्तेदार और “एक कुटुम्बी” है (रूत 2:20)। रूत के घटनाक्रम से बहुत पहले परमेश्वर ने ऐसी प्रथाएँ स्थापित की थीं, जो न केवल रूत पर बल्कि पूरे इस्राएल पर और उद्धार के इतिहास में परमेश्वर के सभी लोगों पर प्रभाव डालने वाली थीं।
हमें पुराने नियम की दो महत्त्वपूर्ण प्रथाओं को समझने की आवश्यकता है, ताकि हम इस घटनाक्रम की पृष्ठभूमि और इसके आनन्द की सराहना कर सकें। ये दो प्रथाएँ परिवार की विधवा का पुनर्विवाह और गोएल हैं। परिवार की विधवा के पुनर्विवाह की प्रथा इस्राएलियों की पुनर्विवाह परम्परा को नियन्त्रित करती थी, ताकि यदि किसी पुरुष की मृत्यु हो जाए, तो उसका नाम और वंश उसकी मृत्यु के साथ समाप्त न हो जाए या अन्य लोगों की इच्छाओं पर निर्भर न रहे (व्यवस्थाविवरण 25:5-10)। दूसरी ओर, गोएल एक इब्रानी क्रिया है जिसका अर्थ है “पुनः प्राप्त करना या छुड़ाना” और सामान्यतः इसका अनुवाद “निस्तारक-कुटुम्बी” के रूप में किया जाता है। मूसा का व्यवस्था-विधान लैव्यव्यवस्था 25 में इस जिम्मेदारी को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है, जहाँ एक रिश्तेदार को यह अधिकार और दायित्व दिया जाता है कि वह कठिनाई में पड़े अपने परिवार के सदस्य की देखभाल और सहायता करे। निस्तारक-कुटुम्बी को अपने रिश्तेदार की भूमि को सुरक्षित करने और उसका सहारा बनने के लिए सभी आवश्यक प्रयास करने होते थे।
बोअज़ ने इन दोनों परम्पराओं का स्वेच्छा से पालन किया और कठिन परिस्थिति में पड़ी हुई बेसहारा नाओमी व रूत की सहायता की। बोअज़ न केवल यीशु के पूर्वजों में से एक था, बल्कि इस कृत्य के द्वारा उसने हमारे निस्तारक-कुटुम्बी के रूप में मसीह के आने की भविष्यवाणी भी की।
जैसे रूत ने पूर्णतः असहाय अवस्था में बोअज़ की दया पर निर्भर होकर स्वयं को उसके चरणों में डाल दिया, वैसे ही हम भी मसीह की करुणा की खोज में स्वयं को मसीह के चरणों में डालते हैं। और जैसे बोअज़ ने रूत के साथ व्यवहार किया, वैसे ही मसीह हर उस पापी के साथ व्यवहार करता है जो पश्चाताप के साथ उसके पास आता है। वह उन्हें वाचा के लहू से ढक देता है, जिसके द्वारा वह हमें अपनी छत्रछाया में शान्ति, सुरक्षा और सन्तोष प्रदान करता है (भजन 91:4)। वह हमारे दुखों में हमें शान्ति देता है, हमारे भय को दूर करता है और हमारे आँसुओं को पोंछता है। रूत एक निर्धन परदेशी के रूप में बोअज़ के पास आई और उसकी आशिषों से समृद्ध हो गई। हम आत्मिक निर्धनता में यीशु के पास आते हैं और उसके साथ उसके उत्तराधिकारी बन जाते हैं (रोमियों 8:17)। जैसे बोअज़ ने रूत को लेकर उसे अपनी दुल्हन बना लिया, वैसे ही मसीह हमें लेकर अपनी दुल्हन बना लेता है (प्रकाशितवाक्य 19:7-8)।
बाइबल में ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं, जहाँ परमेश्वर अपने लोगों की आवश्यकताओं में उनकी देखभाल और रक्षा करता है, इससे पहले कि वे स्वयं अपनी आवश्यकताओं को समझें। इस्राएल में रूत के लिए और इतिहास भर में परमेश्वर के सभी लोगों के लिए परमेश्वर के उद्धार योजना न केवल निस्तारक-कुटुम्बी की भूमिका की स्थापना के समय से आई थी, बल्कि सृष्टि के प्रारम्भ से ही तैयार की गई थी (इफिसियों 1:3-7)।
आज निश्चिन्त रहें क्योंकि यीशु अपनी कलीसिया का दूल्हा और निस्तारक-कुटुम्बी है। निश्चिन्त रहें क्योंकि उसने आपके लिए आवश्यक सभी देखभाल और प्रबन्ध करने का, तथा आपको सुरक्षित रूप से प्रतिज्ञा किए हुए शाश्वत देश में पहुँचाने का दायित्व उठाया है। निश्चिन्त रहें क्योंकि चाहे कोई भी आन्तरिक या बाहरी संकट आपको घेर ले, आप उसकी छत्रछाया में सुरक्षित हैं।
भजन 57
◊ पूरे वर्ष में सम्पूर्ण बाइबल पढ़ने के लिए: 2 शमूएल 19–20; 2 यूहन्ना